UGC ने नए सत्र से लागू की नई ग्रेडिंग प्रणाली, छात्रों को मिलेगा लाभ
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से एक नई ग्रेडिंग प्रणाली लागू करने का फैसला किया है। यह कदम देशभर के विश्वविद्यालयों में मूल्यांकन प्रणाली को सरल, पारदर्शी और छात्र हितैषी बनाने की दिशा में उठाया गया है।
क्या है नई ग्रेडिंग प्रणाली?
अब छात्रों को अंकों (Marks) के स्थान पर ग्रेड (Grades)A+
80-89% के बीच वाले को A और इसी प्रकार अन्य ग्रेड दिए जाएंगे।इस प्रणाली का उद्देश्य छात्रों पर मार्क्स की दौड़ का मानसिक दबाव कम करना और मूल्यांकन प्रक्रिया में पारदर्शिता और लचीलापन लाना है।
कब से लागू होगी यह प्रणाली?
UGC द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, यह नई ग्रेडिंग प्रणाली शैक्षणिक सत्र 2025-26 से देशभर के सभी विश्वविद्यालयों में लागू की जाएगी। विश्वविद्यालयों को इस बदलाव के लिए तकनीकी और अकादमिक रूप से तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।
छात्रों को क्या होगा फायदा?
- ग्रेड आधारित मूल्यांकन से तनाव कम होगा।
- प्रतिस्पर्धा की बजाय सीखने पर जोर रहेगा।
- विदेशी यूनिवर्सिटीज़ के साथ ग्रेडिंग का तालमेल आसान होगा।
- एक जैसी ग्रेडिंग प्रणाली से समान अवसर मिलेंगे।
शिक्षक और छात्र क्या कह रहे हैं?
कुछ शिक्षकों ने इस प्रणाली का स्वागत किया है और इसे छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर बताया है। वहीं कुछ छात्रों का मानना है कि अंकों की जगह ग्रेड मिलने से मेरिट तय करने में थोड़ी कठिनाई हो सकती है।
निष्कर्ष
UGC का यह कदम भारतीय उच्च शिक्षा में एक महत्वपूर्ण बदलाव की ओर इशारा करता है। यदि इसे सही ढंग से लागू किया गया, तो यह छात्रों के समग्र विकास और मानसिक संतुलन को बेहतर बना सकता है।
नोट: सभी छात्र और अभिभावक UGC की आधिकारिक वेबसाइट ugc.gov.in पर जाकर पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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