Teacher Recruitment: शिक्षक भर्ती को लेकर चली आ रही अटकलों के बीच उत्तरप्रदेश 69000 शिक्षक भर्ती को लेकर आयोग से बड़ी खबर आ चुकी है जिससे सभी उम्मेदवारों के बीच खुशी का महोल बना हुआ है आपको बता दें की उत्तर प्रदेश में 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती (69000 Shikshak Bharti) से जुड़े विवाद में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से सहायक अध्यापकों को एक बड़ी राहत मिली है, लेकिन मामला अभी पूरी तरह से सुलझा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस बिशेष आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें यूपी में नई मेरिट लिस्ट जारी करने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, अंतिम निर्णय अभी बाकी है। इस पूरे घटनाक्रम को समझने के लिए उम्मेदवारों को यह सलाह डी जाती है की ओ पूरी खबर को ध्यान पूर्वक पढ़ें।
सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला:
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस विशेष फैसले पर रोक लगाई, जिसमें 69000 सहायक शिक्षक भर्ती की नई मेरिट लिस्ट जारी करने की बात कही गई थी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली बेंच ने सोमवार को इस मामले पर सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि वह हाई कोर्ट के आदेश का परीक्षण करेगी और कानूनी पहलुओं को परखने के बाद फैसला सुनाएगी।
इसके बाद, इस विशेष फैसले का विरोध करते हुए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। शीर्ष अदालत ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के आदेश को स्थगित कर दिया और यूपी सरकार से जवाब मांगा है।
जाने पहले क्या हुआ था?
- 5 दिसंबर 2018: यूपी सरकार ने 69,000 सहायक अध्यापकों की भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया। इस भर्ती प्रक्रिया के लिए 4.31 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।
- 6 जनवरी 2019: भर्ती परीक्षा का आयोजन हुआ, जिसमें 4.10 लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया।
- 12 मई 2020: यूपी 69000 शिक्षक भर्ती का रिजल्ट जारी हुआ। कुल 1.47 लाख अभ्यर्थी पास हुए। सामान्य वर्ग का कटऑफ 67.11% और OBC का कटऑफ 66.73% था।
- मई 2020: भर्ती में आरक्षण के नियमों के पालन में अनियमितता का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।
- 13 मार्च 2023: हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने मेरिट लिस्ट पर पुनर्विचार करने का आदेश दिया, साथ ही कुछ आरक्षण नियमों पर टिप्पणियां की।
- 13 अगस्त 2024: हाई कोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच का आदेश रद्द करते हुए आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया। इस दौरान कई शिक्षकों की तैनाती भी हो चुकी थी।
वर्टिकल और हॉरिजेंटल कोटा: क्या है जाने अंतर?
वर्टिकल कोटा | हॉरिजेंटल कोटा |
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वर्टिकल कोटा में आरक्षण जाति और वर्ग के आधार पर होता है। | हॉरिजेंटल कोटा में आरक्षण विशेष श्रेणियों के आधार पर होता है। |
यह SC (अनुसूचित जाति), ST (अनुसूचित जनजाति), OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग) जैसी श्रेणियों के लिए आरक्षित होता है। | यह दिव्यांग, खेल कूद, ईसी (अर्थिक रूप से कमजोर वर्ग), और अन्य विशेष श्रेणियों के लिए आरक्षित होता है। |
उदाहरण: SC के लिए 21%, OBC के लिए 27%, ST के लिए 2% आरक्षण। | उदाहरण: दिव्यांगों के लिए 4%, खेल कूद के लिए आरक्षण। |
इसमें वर्ग का आरक्षण सीधे तौर पर संबंधित जाति या वर्ग के लोगों के लिए होता है। | इसमें आरक्षण किसी विशेष व्यक्ति की श्रेणी (जैसे दिव्यांग) के आधार पर होता है, चाहे वह किसी भी जाति से संबंधित हो। |
यह सामाजिक और आर्थिक पिछड़े वर्गों को ध्यान में रखकर निर्धारित किया गया है। | यह विशेष जरूरतों वाले व्यक्तियों की मदद के लिए लागू किया गया है। |
जाने क्या है अगला कदम?
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में आगे की सुनवाई के लिए 23 सितंबर की तारीख तय की है। कोर्ट ने सभी पक्षों से सात पृष्ठों में लिखित दलीलें प्रस्तुत करने को कहा है। यूपी सरकार को भी अपना जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया गया है।
इस बीच, उम्मीदवारों के लिए स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। भर्ती प्रक्रिया में देरी और आदेशों के बदलते स्वरूप से अभ्यर्थी चिंतित हैं।
निष्कर्ष:
यूपी 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अभ्यर्थियों को राहत दी है, लेकिन अंतिम फैसला अभी बाकी है। कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई है और अब मामले का परीक्षण करेगी। इस बीच, अभ्यर्थियों को सरकारी आदेशों और अदालत के फैसलों की पूरी जानकारी के साथ अपनी स्थिति को समझने की आवश्यकता है।
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