किसान नीलेश पाटीदार
हेलो दोस्तों स्वागत है आप सभी का आज के इस ब्लॉग में आज हम आप सभी के बीच मध्य प्रदेश के एक ऐसे किसान की कहानी लेकर आए है जिन्होंने पारंपरिक खेती से हटकर नेट हाउस तकनीकी से। अपनी किस्मत बदल डाली है और कृषि नवाचार से अपनी आमदनी कई गुना बढ़ाई जो कि लाखों में है यह किसान कृषि के क्षेत्र में एक नई ऊर्जा का संचार कर रहे हैं जिनके बारे में हम आपको इस ब्लॉग में बता रहे हैं।
हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के मांडल गांव के रहने वाले किसान निलेश पाटीदार की जिन्होंने पारंपरिक खेती को छोड़कर नए तरीके अपनाए और आधुनिक कृषि तकनीकों से अपनी आमदनी में चमत्कारी वृद्धि की निलेश पाटीदार ने संरक्षित खेती की दिशा में कदम बढ़ाते हुए नेट हाउस तकनीक का उपयोग किया। खीरा ककड़ी तथा अमरूद जैसी फसलों की खेती करके ना केवल अपने जीवन में सुधार किए बल्कि दूसरे किसानों के लिए भी एक आदर्श एक आदर्श बने
किसान निलेश पाटीदार ने अपनी लगभग 1 एकड़ जमीन पर नेट हाउस तकनीक अपनाई जिसके माध्यम से किसान निलेश पाटीदार ने खीरा, ककड़ी जैसी फसलों की खेती शुरू की और कृषि विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों की सलाह पर यह कदम उनके लिए बेहद लाभकारी साबित हुए।
उन्होंने पहले ही वर्ष में लगभग 1050 क्विंटल खीरा और ककड़ी का उत्पादन किया, जिसे उन्होंने दिल्ली और जयपुर में ₹2700 प्रति क्विंटल की दर से बेचा। इस व्यापार से उन्हें करीब एक ₹21 लाख का शुद्ध मुनाफा हुआ और उनकी इस सफलता ने न केवल उन्हें उत्साहित किया बल्कि उन्होंने इस नेट हाउस तकनीक की संख्या बढ़ाकर चार कर दी। और किसान नीलेश पाटीदार की यह रणनीति ना सिर्फ उनकी खुद की आय बढ़ाने में सफल रही, बल्कि यह क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए भी एक इंस्पिरेशन बन गई।
अमरूद की खेती में नया मोड़ : ( New twist in guava cultivation )
निलेश पाटीदार ने खेती की इस दिशा में खीरा और ककड़ी के साथ-साथ अमरूद की खेती की ओर उन्होंने 4 एकड़ भूमि पर 4000 अमरुद के पौधे लगाए और उनकी देखरेख के लिए विशेष योजना बनाई। लोहे की कि एक एंगल और तार से पौधों को सहारा देकर उन्होंने इस योजना को सफल बनाया। इसके परिणामस्वरूप उन्हें लगभग 700 क्विंटल अंगूर की पैदावार हुई, जिसे उन्होंने दिल्ली में ₹4000 प्रति कुंटल की दर से बेचा और इस फसल से उन्हें लगभग ₹16 लाख का शुद्ध मुनाफा हुआ।
अमरूद की खेती
नई कृषि तकनीकों के माध्यम से अतिरिक्त आय : ( Additional income through new agricultural techniques )
कृषि क्षेत्र में निलेश पाटीदार ने लगभग ₹3700000 की बेहतरीन आय का उपयोग एक जेसीबी गाड़ी खरीदने में किया। इससे उन्हें ना सिर्फ अतिरिक्त आय का स्त्रोत मिला बल्कि अपनी कृषि गतिविधियों को और भी सुचारू रूप से चलाने में मदद मिली। इससे यह साबित होता है कि कृषि में नवाचार और तकनीकी बदलाव ना केवल किसान की आय बढ़ाने में मदद करते हैं बल्कि अतिरिक्त आमदनी के रास्ते भी किसानों के लिए खुलते जाते हैं।
किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत : ( Source of inspiration for farmers )
निलेश पाटीदार उन किसानों के लिए आदर्श बन चुके हैं जो पारंपरिक खेती से संतुष्ट नहीं है और कुछ नया करने की सोच रहे हैं। इन किसानों में युवा पीढ़ी शामिल होती है। निलेश पाटीदार का यह कदम साबित करता है कि कृषि में बदलाव और तकनीकी उपायों को अपनाकर सफलता प्राप्त की जा सकती है। निलेश पाटीदार ने दिखाया कि यदि सही समय पर सही तकनीकी ज्ञान और निवेश किया जाए तो कृषि व्यवसाय को मुकाम पर पहुंचाया जा सकता है।
नवीनतम कृषि दृष्टिकोण से किसानों का भविष्य उज्जवल : ( Future of farmers is bright with latest agricultural approach )
निलेश पाटीदार उन किसानों के लिए एक पारंपरिक खेती से हटकर नई खेती करने का संकेत है जो कृषि क्षेत्र में नए बदलाव की ओर कदम बढ़ाने के लिए तैयार है मगर किसी कारणवश नवीनतम तरीके से खेती नहीं कर पा रहे हैं। संरक्षित खेती और स्मार्ट कृषि तकनीकों के माध्यम से आज किसान अपनी पुरानी सोच से बाहर निकलकर अधिक लाभकारी और स्थित कृषि मॉडल की ओर बढ़ रहे हैं। किसान की सोच निलेश पाटीदार की यह सफलता बताती है। कि अगर कृषि में नए दृष्टिकोण को अपनाया जाए तो किसान ना केवल अपनी आय बढ़ा सकते हैं बल्कि पूरे कृषि क्षेत्र में एक नई ऊर्जा का संचार कर सकते हैं।
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